3/03/2008

हाथ उठाने वालों को लात मारने वाली बीवियां मिलनी चाहिए

बहुत दिनों बाद दिल्ली में रहने वाली अपने एक परिचित के घर गई। वहां उनके हसबैंड आफिस गए हुए थे और बच्चे स्कूल। उनसे हाय हलो के बाद जब बात शुरू हुई तो देखा कि उनके चेहरे पर चोट के निशान हैं और आंखें सूजी हुई हैं। मैंने पूछा, क्या हुआ, कुछ हुआ है क्या। उन्होंने शुरू में तो बात को बदलना चाहा और कुछ नहीं हुआ कहकर पाने चाय लाने चली गईं। मैं भी उनके साथ किचन में चली गई। वहां उन्हें थोड़े प्यार से अपने सीने से लगाकर पूछा तो वो रोने लगीं। उन्हें चुप कराया और दिलासा दिया। उन्होंने जो बताया उसे सुनकर मुझे बेहद ग्लानि हुई। उनके हसबैंड महोदय महीने में दो चार बार किसी न किसी छोटी बात पर उन्हें पीट दिया करते हैं। आज भी ऐसे ही किसी बात पर, टाइम से टिफिन न बनने पर पहले वो गुस्सा हुए और जब भाभी जी ने जवाब दे दिया तो वो उबल पड़े। उन्हें पहले धक्का दिया फिर पिटाई शुरू कर दी।
कब बंद होगा यह सब। घर में रहने, हाउसवाइफ बनने की मजबूरी के चलते जाने कितनी ही महिलाएं रोज रोज घुट घुट कर पिट पिट कर जिंदगी जीती हैं। इसीलिए मैं हमेशा लड़कियों से कहती हूं कि पढ़ लिखकर अपने पैर पर खड़े हो जाना फिर शादी करना ताकि अगर पुरुष खराब निकला, और जो कि खराब निकलता ही है तो तुम उनके हाथ उठाने पर लात उठाकर मारना। भले ही उसे छोड़कर अकेले गुजर बसर करना पड़े।

इस देश के कायर पुरुषों की मर्दानगी अपनी बीवियों पर ही निकलती है। मुफ्त में गुलाम पा जाते हैं जो उन्हें देह सुख देने के साथ नौकरों का भी सारा काम कर देती हैं। खाना पकाना पोंछा बर्तन दुकानदारी आना जाना......। तो ये सुख उठाने वाले पुरुषों को अगर लात मारने वाली पत्नी मिल जाए तो कितना मजा आए। अब तो कभी कभी यही लगता है कि सब कुछ छोड़ छाड़कर क्यों न सताई हुई औरतों को न्याय दिलाने के लिए लड़ा जाए और महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जाए। यह बहुत बड़ा काम है जिसे अभी तक किया जाना बाकी है।

13 comments:

हरिमोहन सिंह said...

आप ये शुभ काम अवश्‍य कीजियेगा

Anonymous said...

kaash.. ladkiyaa aisi himmat karle ! unke maa baap jo unki haalat pe dukhi hai . unkaa budhaapaa bhi sudhar jaaye. ishwar tumko shakti de.. shuruaat tau ho ..how i can help you ?

Anonymous said...

aap jo bhi hai mujhe nhi malum but itna jarur kahna chahuga ki jo mard apni patni ko apne pero ki jutti samjhe use dub kar mar jana chahiye chahe wo mai hu ya is comment ko sunne wala, aur ha rat mai jab apni khwaish ko puri karne ke liye use pareshan kiya jata hai tab weh mard kha chale jate hai tab wah unke pero ki juti nhi hoti , yeh indian smaj ke liye
bohat hi bura aur amaniye hai
hath uthane walo ko talwar uthane wali patni milni chahiye

arun prakash said...

mai mehraj ali saheb se poori tarah sahmat hun .kintu ye bhi ho sakta hai ki us patii ka vyaktitva hi ladaka wala ho jo bhi ho gharelu hansa ko khatm hona hi chahiye

Anonymous said...

mai to aapse yahi kahoonga ki

JAKI RAHI BHAVNA JAISE PRABHU MURAT DEKHI TIN TAISE , AGAR PATI KO LAAT MARNE KI AAPKI BHAVNA HAI TO AAP GHARELU HINSA KAISE KHATAM KER SAKTI HAIN . KABHI EK BAAR VINAMRA HO KER REHNE KI KOSISH KIYA HOTA TO SAYAD BAAT ITNI NAHI SOCHNI PARTI ... BHAGWAAN AAPKO SADBUDHI DE

Anonymous said...

Arre Bhai aapne itni achhi baat kahi hai lekin apna naam nahi bataya hai . aap kaun hai mahapurush !

Anonymous said...

himmat badane wali kucch tips bhi mil jati to achcha hota. Waise zaroori nahin ki naukaripesha mahilayon ko ye sab nahin jhelna padta balki unhen to apne dard chupakar nau se paanch tak muskarana bhi padta hai.

Anonymous said...

R C SHARMA SOCIALIST[GUNA M.P.]AGAR ATI HO RAHI HO SUDHARTMAK VYAVASTHA THIK HI HOGI.KYOKER ITNI BATAMIGI SE PESH AYIYEGA?

Shoaib said...

khamosh nizazi tumhe jeene nahi degi...
is daur me jina hai to kohram macha do...

l k chhajer said...

This is ggood news for Girls-

Now senerio has been changed. Gents are betan by his wife, So many F.I.R. has been loun ched in Thana's.

Ganesh Prasad said...

हेल्लो बीमार लड़की,

मेरे ख्याल से तू अपने इलाज करवा, या फिर ओपन होकर एक नंगा नाच कर बिच चौराहे पर, और अपनी जमात को बड़ा कर
या फिर एक दिन अपने पापा से अकेले में मिल और उनसे प्यार से पूछ पापा आपने क्यों मुझे ऐसा बना दिया...

मुन्नी, तुझे किलोमीटर में कितने मीटर होते है पता है, लम्बाई, चौडाई क्या होती है पता.. है ??. सायद नहीं... तो एक काम कर और गूगल के हेल्प से दुनिया का पता कर कितनी बड़ी है दुनिया... कुए की चुद्दकर मेंढकनि... कुए से बहार निकल और देख दुनिया बहुत बड़ी है.... दुनिया में सिर्फ वोही लोग नहीं है जिन्होंने तुझे ऐसा बनाया ! पान के दुकान के पास खड़े तीन लडके के अलावा तू सच सच बता उस दिन कितने लडके तेरे आस पास से गुजरे होंगे... सायद अगर तू १० किलोमीटर का भी सफ़र तय की होगी तो 10x10 = 100 लडके इसका मतलब 100-3 = 97 लडके तो ठीक है न? क्योंकी तेरी ही आपबीती है और तुने ही सिर्फ तीन लड़को का जिक्र किया है...

सबका लंड ही काट देगी तो फिर तेरी जैसीयो का सेक्स का भूख कौन मिटाएगा और फिर तेरी जैसी जमात कहा से पैदा होगी... सच सच बता ... ब्लू फिल्म तो तू जरुर देखती होग १००% देखती ही होगी, बिलकुल ठीक कोई बुराई नहीं है ब्लू फिल्म देखने में खूब देख अगर मन मने तो पर एक बात सच सच बोलना फिल्मे देखते हुए क्या तू भी कोई तगडा लं*** लेने का नहीं सोचती होगी..??. तो फिर लंड कटाने का ख्याल... हा बलात्कार करने को सजा देने की लिए उनको बिच चौहरे पर खडा कर उनको भी जिन्दा जला देने का होना चाहिए...

और हा जहा तू हॉस्टल में रहती है.. वहा की लड़कियों को लड़की ही बना रहने दे... उनको जीनत अमन और गन्दी लड़की न बनाना... उनके पापा, उनके भाई, उनके चाचा, सायद उनकी मम्मी तेरे अपनो जैसी नहीं होगी....तुझे गटर की और सड कर जीने की जिंदगी मुबारक... दूसरो को जीने की कला सिखा... क्योंकी प्रकृति के भी अपने कुछ अनुपात है.... और अपने कुछ नियम है..... और .... हम उसके पूरक.... फूल और माली ...

NIRANJAN JAIN said...

DEAR GANESH PRASAD JI AAPKI BHASHA BAHUT AAKRAMAK AUR GANDI HAI AGAR AAP IS BLOG SE SAHANAT NAHIN HAIN TO TEEKH HAI PER IS TARAH KI BHASHA PRAYAOG NA KAREN.LAGTA AAP AURTON KO HEEN DRISHTI SE DEKHTEN HAIN KRIPYA APNI PURATAN SOCH IS TARAH JAGJAHIR NAHIN KAREN TO HI ACCHA HAI.

Anonymous said...

ACCHA HAIN PHI BHI YE LINK PADHEN


http://www.thenetpress.com/2009/10/blog-post_09.html