2/16/2008

एक और सहेली गंदी बनी

लेखा प्रकाश, मेरी सहेली का बदला नाम है। जब उससे एक दिन इस ब्लाग के बारे में बताया तो वह एकदम से चौंक गई। उसे बड़ा अच्छा लगा यह ब्लाग। उसने भी इसमें लिखने की इच्छा जताई। मैंने उसे इसका मेंबर बना लिया। लेखा प्रकाश अब इस ब्लाग में लिखा करेगी।

देखते हैं कि कितनी लड़कियां इस गंदी लड़की का हिस्सा बनना चाहेंगी। बस, एक अनुरोध है लड़कियों से, स्त्रियों से, वे मेंबर बनें तो नकली नाम से बनें ताकि उनके जीवन में किसी तरह की दिक्कत न आ पाए और वो खुलकर अपनी बात रख भी सकें।
गंदी

1 comment:

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना said...

आज स्त्री विमर्ष खोजते हुये आपके ब्लॉग तक अनायास ही आ पहुँचा। मेरे ख़्याल से कोई लड़की गन्दी नहीं होती। पर एक बात कहना चाहूँगा, आपने लड़कियों से अपने नाम गुप्त रखने का आह्वान किया है क्योंकि आपको सन्देह है कि ऐसा न करने से उनके सामाजिक या व्यक्तिगत जीवन में परेशानियाँ आ सकती हैं। मैं आपसे निवेदन करना चाहूँगा कि आप इस परेशानी का मूल खोजने का प्रयास करें। छद्म कैसा भी हो अंततः दुःखदायी ही होता है। बहरहाल मुझे आपके और भी लेख पढ़ने पडेंगे ताकि आपके विद्रोह को समझ सकूँ। आपके अन्दर निश्चित ही एक अच्छी लड़की छिपी बैठी है। मैं उसे खोजना चाहूँगा। आपको शुभकामनायें।