2/07/2008

क्यों बनी मैं गंदी

पड़ोस में एक आंटी थीं। कितनी अच्छी थीं। मैं उस समय आठवीं में थीं। आंटी के व्यवहार की कितनी तारीफ होती थी। पूरे मोहल्ले की सबसे अच्छी स्त्री थीं वो। सब उनकी वाह वाह करते। वे एक पल भी नहीं आराम करतीं। ढेर सारा काम करतीं। बच्चे, पति, पड़ोस, घर, रिश्तेदार, मेहमान....सबके लिए हमेशा मुस्कराते हुए हाजिर। सिर से साड़ी नहीं नीचे गिरती।

एक दिन खबर मिली की वो मर गईं। उनका पति गिरफ्तार हो गया। बाद में पता चला कि रात में वो अपने पति के हाथों काफी मार खातीं। वो शराब पीकर आते और कमरे बंद कर लेते। म्यूजिक के तेज साउंड में वे घर के अंदर पत्नी को इतना प्रताड़ित करते कि बताया नहीं जा सकता। मैंने पता करने की कोशिश की कि आखिर ऐसा वो क्यों करते। मालूम हुआ कि उन्हें उनकी पत्नी ने अपने शादी से पहले के एकमात्र प्रेम के बारे में बता दिया था। उसके बाद से वे उन पर शक करते। उनके चाल चरित्र पर हमेशा ताना मारते।

ऐसी ही किसी लड़ाई में उन्होंने इतना तेज और इतनी देर तक आंटी का गला दबाया कि वो मर गईं। आंटी चाहती तों घर के अंदर के झगड़े को बाहर ले जा सकती थीं, अपने रिश्तेदारों, मायके वालों को बता सकती थी पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें डर था कि ऐसा करने से उनकी अच्छी स्त्री वाली छवि खराब हो सकती थी। वो हमेशा हम लोगों को सबका प्रिय बनकर रहने की सलाह देती रहती थीं।

उनकी मौत के बाद पति द्वारा उन पर ढाए जाने वाले जुल्म का कहानी मालूम हुई। ऐसी ऐसी कहानियां जिसमें कुछ झूठी भी हो सकती हैं, जिसे सुनकर आप दहल जाएं। तभी से शांत और बुद्धिमान दिखने वाले पुरुषों से घृणा हो गई। अंकल हमेशा सीरियस व समझदार किस्म के दिखते। पर हम लोगों को यह नहीं पता था कि उनके अंदर एक राक्षस है। उन्होंने अपने ही हाथों अपनी अच्छी पत्नी को कत्ल कर दिया।

भगवान, किसी को यह दिन न दिखाना। इससे अच्छा तो बुरी बनकर रहना है। झगड़ा हो तो सबके सामने हो, दरवाजे के अंदर न हो वरना बंद दरवाजे में जान भी जा सकती है।

गंदी

2 comments:

Unknown said...

agar shyadi se pahle hi aapni pati ko baata deti ki mai kisi or se pyar karti hoo toh woo shyadi nahi karta or ye brob nahi hoti aakhir ladko ke sath aaisa dhoka ku karti hai ladkiya ki ladka vaergin hota hai or ladki nahi

sandeep said...

yaar sex koi badi cheez nahi hai jo samaj ne hauaa bana ke rakha hai.ladki ka jeevan hi aisa hi ki use kisi na kisi ka sath hamesha chahiye hota hai . agar usne kisi se pyaar kar liya to iska matalab ye nahi ki uski jindagi wahi khatam ho gayi.
phali baat pati galat tha use khud pe nahi wiswas tha tabhi to wo sharab pita tha,
sabhi ladke aise nahi hote jinke andar sankar hota hai wo kabhi galat nahi karte hai.
dusari baat ye ki galat aap hai.jo bina soche samje hi galat ban gayi . ab aapki shadi jisse hogi ab aap use kya jwab dengi(agar aapko sahi ladka mila to)
ab to us ladke ki bhi jindagi gayi.
ab wobhi aapke hi tarah soche ga.
ladkiya aisi hoti hai waisi hoti hai.
is liye apne aap ko hamesha sahi bana ke chalna chahiye jisse kal ko afsosh ke alawa kuch na bache/